शंकु

शंकु गणित में ज्यामिति की एक ऐसी आकृति है, जो हमारे दैनिक जीवन में अक्सर इस्तेमाल होती है। जैसे आइसक्रीम का कोन, क्रिसमस ट्री शंकु के ही उदाहरण है। ज्यामिति के क्षेत्र में इसका विशेष महत्व है जिसके कारण छात्रों के लिए भी शंकु की अवधारणा, शंकु की परिभाषा एवं शंकु का सूत्र के माध्यम से विभिन्न प्रश्नों को हल करना महत्वपूर्ण है।  

आईए इस लेख में हम शंकु की परिभाषा को गहराई से समझते हैं। साथ ही हम शंकु के गुण, शंकु का आयतन, शंकु का क्षेत्रफल, इत्यादि अवधारणाओं को भी समझेंगे। 

शंकु की परिभाषा 

शंकु त्रि-आयामी ज्यामिति आकृति है, जिसमें एक गोलाकार आधार और एक नुकीला शीर्ष होता है। शंकु के शीर्ष और आधार को जो रेखाएं जोड़ती हैं वह तिरछी सात बनती हैं। 

साथ ही शंकु में जो गोलाकार आधार होता है उसे लंब वृत्तीय शंकु कहा जाता है। 

शंकु को उदाहरण के माध्यम से समझे तो आप अगर एक आइसक्रीम का कोन देखेंगे तो वह नीचे से नुकीला होता है और ऊपर गोलाकार आधार बना होता है। 

Image source: Vedantu

तो अगर आप उसे आइसक्रीम के कोन को उल्टा कर दे तो वह शंकु बन जाएगा। आइसक्रीम के कोन का नुकीला भाग शीर्ष कहलायेगा और गोलाकार भाग आधार कहलाएगा। 

शंकु से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्दावली 

शंकु से संबंधित कुछ ऐसे महत्वपूर्ण शब्द है, जिसे आपका जानना जरूरी है।

शीर्ष (Vertex)

यह शंकु का नुकीला हिस्सा होता है जो की शंकु के ठीक ऊपर बना होता है। जैसा कि आप चित्र में भी देख सकते हैं। 

Image source: Splash

आधार (Base)

यह शंकु का सबसे निचला हिस्सा होता है, जो की चपटा होता है और गोलाकार होता है। 

त्रिज्या (Radious) 

त्रिज्या एक दूरी है जो की शंकु के गोलाकार भाग के बीच के बिंदु से किनारे तक की बिंदु तक जाकर मिलती है। जैसा कि आप शंकु के चित्र में देख सकते हैं। 

यानी त्रिज्या को शंकु के आधार वित्त के केंद्र से उसे वृत्त की परिधि पर किसी भी बिंदु तक की दूरी के रूप में परिभाषित किया जाता है। त्रिज्या को इंग्लिश के अक्षर r से दर्शाया जाता है। 

Image source: splash

तिरछी ऊंचाई (Slant Height) 

शंकु के शीर्ष से शंकु के आधार को जो रेखा मिलती है, वह तिरछी ऊंचाई कहलाती है। इससे तिरछी ऊंचाई इसलिए कहा जाता है क्योंकि शंकु के शीर्ष से गोलाकार के आखिरी बिंदु को मिलने के लिए तिरछी रेखा खींची जाती है। 

ऊंचाई (Height)

शंकु के शीर्ष से आधार के केंद्र तक की लंबवत दूरी ऊंचाई कहलाती है। यानी की जब आप शंकु के आधार के बीच से शंकु के शीर्षक तक एक सीधी रेखा खींचते हैं तो वह सीधी रेखा उसे शंकु की ऊंचाई बतलाती है। 

शंकु के गुण 

आप शंकु के गुण के माध्यम से शंकु की पहचान कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं। 

  • शंकु में केवल एक शीर्ष होता है।
  • शंकु के किनारों को घुमाया जाता है और उन्हें एक बिंदु पर मोड़ दिया जाता है, जिससे हमें शंकु का शीर्ष मिलता है।
  • एक शंकु की चौड़ाई उसके गोलाकार आधार का व्यास होता है।
  • एक शंकु में केवल एक फलक होता है और वह फलक गोलाकार होता है। यह शंकु का नीचे का हिस्सा होता है। इस फलक को ही शंकु का आधार भी कहा जाता है।
  • एक शंकु में केवल एक समतल काट होता है, जो आधार के समांतर होता है।
  • शंकु की तिरछी ऊंचाई, आधार त्रिज्या और ऊंचाई का वर्गमूल होता है।
  • शंकु का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल, आधार त्रिज्या और तिरछी ऊंचाई के गुणनफल के बराबर होता है।
  • शंकु का आयतन, आधार त्रिज्या, ऊंचाई और 1/3 (एक तिहाई) के गुणनफल के बराबर होता है।

शंकु का सूत्र 

शंकु की गणना करने के लिए इससे संबंधित कई तरह के सूत्रों का उपयोग किया जाता है। इसकी गणना करने के लिए हमें अक्सर आधार, त्रिज्या, ऊंचाई और तिरछी ऊंचाई की जरूरत पड़ती है। 

इसी के माध्यम से हम शंकु का क्षेत्रफल शंकु का आयतन एवं शंकु की तिरछी ऊंचाई की गणना कर सकते हैं। लिए हम इन तीनों की गणना करने का तरीका विस्तार से समझते हैं। 

1. पार्श्व पृष्ठ का क्षेत्रफल:

किसी भी लम्ब-वृत्तीय शंकु के लिए, पार्श्व पृष्ठ का क्षेत्रफल इस सूत्र द्वारा दिया जाता है:

पार्श्व पृष्ठ का क्षेत्रफल (LSA) = πr * l

जहां,

  • r = आधार त्रिज्या
  • s = तिरछी ऊंचाई

उदाहरण:

मान लीजिए हमारे पास एक शंकु है जिसकी त्रिज्या 5 सेमी और तिरछी ऊंचाई 13 सेमी है.

पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करें:

LSA = π * 5 * 13 = 200 सेमी²

2. शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल (Total Surface Area)

यह शंकु के सभी सतहों (पार्श्व पृष्ठ + आधार) का क्षेत्रफल होता है.

सूत्र:

कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल (TSA) = पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल (LSA) + आधार का क्षेत्रफल (πr²)

उदाहरण:

ऊपर दिए गए उदाहरण में, यदि आधार का क्षेत्रफल भी ज्ञात हो तो हम कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल निकाल सकते हैं.

मान लीजिए आधार का क्षेत्रफल 78.5 सेमी² है.

TSA = 200 + 78.5 = 278.5 सेमी²

3. शंकु का आयतन सूत्र

लम्ब-वृत्तीय शंकु के लिए, आयतन इस सूत्र द्वारा दिया जाता है:

आयतन = (1/3) * π r2 * h cubic units

जहां,

  • Volume = आयतन
  • π = पाई (22/7 या 3.14)
  • r = शंकु के आधार की त्रिज्या
  • h = शंकु की ऊंचाई

उदाहरण: 

मान लीजिए हमारे पास एक शंकु है जिसकी त्रिज्या 5 सेमी और ऊंचाई 12 सेमी है।

Volume = (1/3) * π * 5² * 12 = 314 सेमी³

शंकु की तिरक्षी ऊंचाई

शंकु की तिरछी ऊंचाई, विशेष रूप से लम्ब-वृत्तीय शंकु में, उसके शीर्ष (नुकीला सिरा) से आधार वृत्त की बाहरी परिधि पर किसी भी बिंदु तक की दूरी होती है. दूसरे शब्दों में, यह शंकु के किनारे को ऊपर से नीचे तक मापी गई लंबाई है.

तिरछी ऊंचाई की गणना पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras Theorem) का उपयोग करके की जाती है.

यहाँ,

l – तिरछी ऊंचाई

r – त्रिज्या (आधार वृत्त का केंद्र से किनारे तक की दूरी)

h – ऊंचाई (शीर्ष से आधार वृत्त के केंद्र तक की दूरी)

सूत्र:

l = √(r² + h²)

उदाहरण:

मान लीजिए कि हमारे पास एक लम्ब-वृत्तीय शंकु है जिसकी आधार त्रिज्या 5 सेमी और ऊंचाई 12 सेमी है.

तिरछी ऊंचाई (l):

l = √(r² + h²) 

l = √(5² + 12²) 

l = 13 सेमी

शंकु के प्रकार 

शंकु के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं। 

  1. लंब वृत्तीय शंकु 

सबसे सामान्य शंकु जिसे हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में देखते हैं या पढ़ते हैं वह लंब वृत्तीय शंकु होता है। इसका आधार वृताकार होता है और शंकु का शीर्ष उसके आधार के ठीक ऊपर होता है। 

  1. तिरछा शंकु 

तिरछा शंकु वह होता है जिसका ज्यामिति में बहुत ही कम जगह पर अध्ययन किया जाता है। इसका आधार भी वृताकार होता है लेकिन इस शंकु का अक्ष आधार के लंबवत नहीं होता है। बल्कि इसका आधार तिरछे को पर काटते हुए निकलता है। 

जैसा कि आप नीचे दिए गए चित्र में देख सकते हैं यह शंकु तिरछा है। यानी कि यह एक तरफ झुका हुआ होता है। इस शंकु का शीर्ष आधार के केंद्र के ठीक ऊपर नहीं होता बल्कि थोड़ा सा तिरछा होता है। 

Image source : Byju’s

शंकु से संबंधित 5 महत्वपूर्ण सवाल एवं उनके हल 

1. एक शंकु की तिरछी ऊंचाई 10 सेमी और त्रिज्या 6 सेमी है. शंकु का आयतन ज्ञात कीजिए.

हल:

तिरछी ऊंचाई (l) = 10 सेमी

त्रिज्या (r) = 6 सेमी

h = √(l² – r²) = √(10² – 6²) = √(100 – 36) = √64 = 8 सेमी

Volume = (1/3) * π * r² * h = (1/3) * 22/7 * 6² * 8 = 94.24 सेमी³

शंकु का आयतन 94.24 सेमी³ है.

2. एक शंकु का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल 150 सेमी² है. यदि शंकु की त्रिज्या 5 सेमी है, तो शंकु की तिरछी ऊंचाई ज्ञात कीजिए.

हल:

पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल (LSA) = 150 सेमी²

त्रिज्या (r) = 5 सेमी

तिरछी ऊंचाई (l) ज्ञात करें:

l = LSA / r = 150 / 5 = 30 सेमी

3. एक शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल 300 सेमी² है. यदि शंकु की त्रिज्या 4 सेमी है, तो शंकु की ऊंचाई ज्ञात कीजिए.

हल:

कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल (TSA) = 300 सेमी²

त्रिज्या (r) = 4 सेमी

पहले आधार का क्षेत्रफल (A_b) ज्ञात करें:

TSA = LSA + A_b

=> 300 = πr² + A_b

=> A_b = 300 – πr² = 300 – 22/7 * 4² = 125.28 सेमी²

अब, आधार त्रिज्या (r) का उपयोग करके आधार की ऊंचाई (h) ज्ञात करें:

h = √(A_b / πr²) = √(125.28 / (22/7 * 4²)) = √(125.28 / 35.2) = 3.6 सेमी

शंकु की ऊंचाई 3.6 सेमी है.

4. एक शंकु का आयतन 200 सेमी³ है. यदि शंकु की तिरछी ऊंचाई 15 सेमी है, तो शंकु की त्रिज्या और ऊंचाई ज्ञात कीजिए.

हल:

आयतन (Volume) = 200 सेमी³

तिरछी ऊंचाई (l) = 15 सेमी

पहले त्रिज्या (r) और ऊंचाई (h) के बीच संबंध ज्ञात करें:

l = √(r² + h²)

=> h² = l² – r²

Volume = (1/3) * π * r² * h

=> 200 = (1/3) * π * r² * √(l² – r²)

=> 600 = π * r² * √(l² – r²)

इस समीकरण को हल करना थोड़ा कठिन है, इसलिए हम अनुमान लगा सकते हैं।

**मान लीजिए r = 5 सेमी.

ऊंचाई (h) ज्ञात करें:

h² = l² – r² = 15² – 5² = 200

=> h = √200 = 10 सेमी

अब, त्रिज्या (r) की जांच करें:

Volume = (1/3) * π * r² * h = (1/3) * 22/7 * 5² * 10 = 200 सेमी³ (सही)

इसलिए, शंकु की त्रिज्या 5 सेमी और ऊंचाई 10 सेमी है.

निष्कर्ष 

आज के इस लेख में हमने शंकु की परिभाषा को विस्तार से समझा। साथ ही हमने इसमें शंकु का सूत्र, शंकु के गुण एवं शंकु के चित्र को भी विस्तार से जाना। यदि आपके लिए यह लेख उपयोगी रहा हो तो इसे अन्य लोगों के साथ भी साझा करें।

Similar Posts