सम्पूर्ण संख्याएँ- परिभाषा, सूची, सूत्र

क्या आपने सम्पूर्ण संख्याओं के बारे में सुना है? आपने सुना हो सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे वास्तव में क्या हैं? इस लेख में, हम गणित में सम्पूर्ण संख्याओं की परिभाषा, इतिहास, सूत्र, और सूची पर चर्चा करेंगे।

सम्पूर्ण संख्याओं की परिभाषा

सम्पूर्ण संख्या वह सकारात्मक पूर्णांक है जो अपने उचित गुणकों (स्वयं को छोड़कर) के योग के बराबर है। दूसरे शब्दों में, सम्पूर्ण संख्या वह संख्या है जो सभी सकारात्मक गुणकों (स्वयं को छोड़कर) के योग का आधा है।

सम्पूर्ण संख्याओं का इतिहास

सम्पूर्ण संख्याओं की खोज प्राचीन ग्रीस में हुई थी। पायथागोरस, एक ग्रीक गणितज्ञ, इन्हें पहली बार खोजने और अध्ययन करने वाले थे। बाद में, यूक्लिड, एक और ग्रीक गणितज्ञ, ने सभी सम सम्पूर्ण संख्याओं को उत्पन्न करने का सूत्र खोजा।

सम्पूर्ण संख्या कैसे पाएं?

सम्पूर्ण संख्या पाना आसान कार्य नहीं है। अब तक केवल 51 सम्पूर्ण संख्याएँ पता चली हैं, और वे सभी सम हैं। सम सम्पूर्ण संख्याओं को उत्पन्न करने का सूत्र निम्नलिखित है:

2^(p-1) x (2^p – 1)

जहाँ p एक प्रधान संख्या है। अगर (2^p – 1) एक प्रधान संख्या है, तो उपरोक्त सूत्र एक सम सम्पूर्ण संख्या उत्पन्न करता है।

सम्पूर्ण संख्याओं की सूची

यहाँ पहली कुछ सम्पूर्ण संख्याओं की सूची है:

  • 6
  • 28
  • 496
  • 8128
  • 33,550,336

अब तक की सबसे बड़ी सम्पूर्ण संख्या 2^82,589,933 − 1 है, जिसमें 24,862,048 अंक हैं!

सबसे छोटी सम्पूर्ण संख्या

सबसे छोटी सम्पूर्ण संख्या 6 है। यह एकमात्र संख्या है जो दूसरी सम्पूर्ण संख्या का वर्ग नहीं है।

उदाहरण

28 संख्या को उदाहरण के रूप में लेते हैं। 28 के गुणक हैं 1, 2, 4, 7, और 14। इन गुणकों का योग 28 है, जिससे 28 एक सम्पूर्ण संख्या बनती है।

दूसरा उदाहरण 496 संख्या है। 496 के गुणक हैं 1, 2, 4, 8, 16, 31, 62, 124, 248, और 496। इन गुणकों का योग 496 है, जिससे 496 एक सम्पूर्ण संख्या बनती है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

Q. क्या कोई विषम सम्पूर्ण संख्या है?

नहीं, अब तक कोई विषम सम्पूर्ण संख्या खोजी नहीं गई है। वास्तव में, यह भी नहीं पता कि क्या कोई विषम सम्पूर्ण संख्या है या नहीं।

Q. सम्पूर्ण संख्याएँ कितनी हैं?

अब तक केवल 51 सम्पूर्ण संख्याएँ पता चली हैं।

Q. सबसे बड़ी सम्पूर्ण संख्या कौनसी है?

अब तक की सबसे बड़ी सम्पूर्ण संख्या 2^82,589,933 − 1 है, जिसमें 24,862,048 अंक हैं।

निष्कर्ष

सम्पूर्ण संख्याएँ वह संख्याएँ हैं जिन्होंने शताब्दियों से गणितज्ञों को प्रभावित किया है। वे संख्या सिद्धांत में विशेष स्थान रखते हैं और उनमें कई रोचक गुण हैं। हालांकि अब तक केवल 51 सम्पूर्ण संख्याएँ पता चली हैं, वे संख्या सिद्धांत में अनुसंधान को प्रेरित करते रहते हैं और संभावना है कि वे लंबे समय तक गणितज्ञों के लिए आकर्षण का विषय बने रहेंगे।

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