साधारण ब्याज
ब्याज, जिसे सरल ब्याज के नाम से भी जाना जाता है, गणित की एक मौलिक अवधारणा है। इसका उपयोग कई क्षेत्रों में जैसे बैंकिंग, फाइनेंस, ऑटोमोबाइल, इत्यादि जगहों पर किया जाता है। साधारण ब्याज हमारे दैनिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए साधारण ब्याज की परिभाषा, साधारण ब्याज के सूत्र, इत्यादि के बारे में भी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
इसलिए आज के इस लेख में हम साधारण ब्याज की अवधारणा के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। इसमें साधारण ब्याज के सूत्र, साधारण ब्याज की गणना इत्यादि सभी शामिल होंगे।
साधारण ब्याज की परिभाषा
साधारण ब्याज मूल राशि पर एक निश्चित दर से एक निश्चित अवधि के लिए लगाए जाने वाला ब्याज है। यह एकमुश्त राशि होती है, जो किसी व्यक्ति द्वारा उधार लिए गए धन पर उधार देने वाला व्यक्ति जमा राशि पर कमाता है।
आसान शब्दों में, साधारण ब्याज वह राशि है जो आप किसी व्यक्ति को उधार दिए गए धन पर या जमा की गई राशि पर एक निश्चित अवधि के लिए कमाते हैं। यह ब्याज दर और समय के सीधे अनुपात में होता है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए अगर आपने किसी व्यक्ति को ₹2000 दिए हैं और बाद में आप उसे व्यक्ति से 2200 रुपए लेते हैं तो आपके द्वारा लिया गया वह ₹200 आपका साधारण ब्याज होगा।
साधारण ब्याज का सूत्र (Simple Interest Formula)
साधारण ब्याज की गणना के लिए निम्न सूत्र का उपयोग किया जाता है:
SI = P x R x T / 100
जहां:
SI = साधारण ब्याज (Simple Interest)
P = मूल राशि (Principal)
R = ब्याज दर (Rate) प्रति वर्ष प्रतिशत (पर्सेंट) में (दशमलव के रूप में)
T = समय (Time) वर्षों में (दशमलव के रूप में)
जब आप साधारण ब्याज की गणना कर लेते हैं, तो आपको उस मूल राशि (Principal) को भी जोड़ना होता है, तब जाकर वो पूरी रकम बनती है जो उधार लेने वाले को चुकानी होती है या उधार देने वाले को मिलती है। इस पूरी रकम को ** कुल राशि (Amount)** कहते हैं। इसकी गणना करने का सूत्र है:
कुल राशि (A) = मूल राशि (P) + साधारण ब्याज (SI)
इसी सूत्र में बताए गए चिन्हों का इस्तेमाल करते हुए, साधारण ब्याज (SI) का सूत्र बनता है:
साधारण ब्याज (SI) = मूल राशि (P) × ब्याज दर (R) × समय (T) / 100
यह सूत्र ब्याज या कुल राशि की गणना करते समय लापता जानकारी ज्ञात करने में मदद करता है। इसलिए, इस सूत्र के कुछ छोटे रूप भी हैं:
ब्याज की गणना करने के लिए:
- ब्याज (I) = मूल राशि (P) × ब्याज दर (R) × समय (T) / 100
मूल राशि ज्ञात करने के लिए:
- मूल राशि (P) = (ब्याज (I) × 100) / (ब्याज दर (R) × समय (T))
ब्याज दर ज्ञात करने के लिए:
ब्याज दर (R) (दशमलव में) = ब्याज (I) / (मूल राशि (P) × समय (T))
- ब्याज दर (R) (प्रतिशत में) = ब्याज दर (R – दशमलव में) × 100
समय ज्ञात करने के लिए:
- समय (T) = (ब्याज (I) × 100) / (मूल राशि (P) × ब्याज दर (R))
आप अलग-अलग स्थितियों में दी गई जानकारी के आधार पर इन सभी सूत्रों का उपयोग कर सकते हैं।
महीने के लिए साधारण ब्याज का सूत्र
ऊपर हमने सालाना/ वार्षिक साधारण ब्याज निकालने का सूत्र देखा। अब आइए जानते हैं कि महीनों में ब्याज कैसे निकाला जाता है। मान लीजिए, मूल राशि = P, ब्याज दर प्रति वर्ष = R और समय = n महीने, तो साधारण ब्याज निकालने का सूत्र होगा:
महीनों में साधारण ब्याज = (P × n × R) / (12 × 100)
यहां, n महीनों की संख्या है।
आपको आसानी से समझाने के लिए नीचे एक टेबल बनाया गया है, जिसमें अलग-अलग समय अवधि के लिए साधारण ब्याज निकालने का सूत्र दिया गया है:
समय | साधारण ब्याज का सूत्र | स्पष्टीकरण |
वर्ष | PTR/100 | T = वर्षों की संख्या |
महीने | (P × n × R) / (12 × 100) | n = महीनों की संख्या |
दिन ( साधारण वर्ष) | (P × d × R) / (365 × 100) | d = दिनों की संख्या (अधिवर्ष नहीं) |
साधारण ब्याज की गणना कैसे करें?
साधारण ब्याज की गणना करने के लिए उपरोक्त सूत्र का उपयोग करें। आपको बस मूल राशि, ब्याज दर और समय की जानकारी की आवश्यकता होगी। इन मानों को सूत्र में रखें और गणित करें।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने ₹10,000 का ऋण 5% वार्षिक ब्याज दर पर 2 साल के लिए लिया है। साधारण ब्याज की गणना निम्न प्रकार से की जाएगी:
साधारण ब्याज (SI) = मूल राशि (P) × ब्याज दर (R) × समय (T) / 100
SI = 10,000 x 5 x 2 / 100
SI = ₹1000
इस उदाहरण में, आपने 2 वर्षों में ₹10,000 के ऋण पर ₹1,000 का साधारण ब्याज कमाया है।
साधारण ब्याज से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्दावली
- मूल राशि (P): यह वह पैसा है जो आप बैंक से उधार लेते हैं या किसी को उधार देते हैं।
- ब्याज दर (R): यह प्रति वर्ष प्रतिशत (%) में व्यक्त की जाने वाली दर है जिस पर ब्याज लगता है। इसे सूत्र में दशमलव के रूप में विभाजित करके (100 से) इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए, 5% ब्याज दर को 5/100 = 0.05 के रूप में लिखा जाएगा।
- समय (T): वह अवधि जिसके लिए मूल राशि पर ब्याज लगाया जाता है, जिसे आमतौर पर वर्षों में व्यक्त किया जाता है।
- मिश्रधन (Amount – A): मूल राशि और साधारण ब्याज का योग।
साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज में अंतर
विशेषता | साधारण ब्याज | चक्रवृद्धि ब्याज |
गणना | केवल मूलधन पर | मूलधन और अर्जित ब्याज दोनों पर |
समय के साथ बढ़ता है | नहीं | हाँ |
ब्याज दर | स्थिर | समय के साथ बदल सकता है |
रिटर्न | कम | अधिक |
साधारण ब्याज के अनुप्रयोग
- बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज।
- सावधि जमा (Fixed Deposit – FD) पर मिलने वाला रिटर्न।
- किसी मित्र को दिए गए उधार पर लगने वाला ब्याज।
- ऋण पर देय ब्याज।
- किश्तों पर खरीदी गई वस्तुओं पर देय ब्याज।
- व्यापारिक लेनदेन में ब्याज की गणना।
साधारण ब्याज से जुड़े अभ्यास के लिए कुछ सवाल
1. ₹5,000 का 10% वार्षिक ब्याज दर पर 3 साल के लिए उधार लिया गया है। साधारण ब्याज की गणना करें।
हल:
- P = ₹5,000
- R = 10% = 10/100 = 0.1
- T = 3 साल
SI = (P × R × T) / 100
SI = (5,000 × 0.1 × 3) / 100
SI = ₹1,500
2. ₹10,000 जमा किया गया है। 4 साल के बाद ब्याज दर 5% से बढ़कर 6% हो जाती है। 4 साल की अवधि के लिए कुल साधारण ब्याज की गणना करें।
हल:
- P = ₹10,000
पहले 2 साल के लिए:
- R = 5% = 5/100 = 0.05
- T = 2 साल
SI₁ = (P × R × T) / 100
SI₁ = (10,000 × 0.05 × 2) / 100
SI₁ = ₹1,000
अंतिम 2 साल के लिए:
- R = 6% = 6/100 = 0.06
- T = 2 साल
SI₂ = (P × R × T) / 100
SI₂ = (10,000 × 0.06 × 2) / 100
SI₂ = ₹1,200
कुल साधारण ब्याज:
SI = SI₁ + SI₂
SI = 1,000 + 1,200
SI = ₹2,200
3. एक ऋण पर 12% वार्षिक ब्याज दर पर ₹2,000 का साधारण ब्याज 3 साल में अर्जित होता है। मूल राशि (Principal) ज्ञात करें।
हल:
- SI = ₹2,000
- R = 12% = 12/100 = 0.12
- T = 3 साल
P = (SI × 100) / (R × T)
P = (2,000 × 100) / (0.12 × 3)
P = ₹5,555.56
4. एक व्यक्ति ₹12,000 का 10% वार्षिक ब्याज दर पर 3 साल के लिए उधार लेता है। वह 1 साल बाद ₹4,000 का भुगतान कर देता है। शेष ऋण पर देय साधारण ब्याज ज्ञात करें।
हल:
पहले 1 साल के लिए:
- P = ₹12,000
- R = 10% = 10/100 = 0.1
- T = 1 साल
SI₁ = (P × R × T) / 100
SI₁ = (12,000 × 0.1 × 1) / 100
SI₁ = ₹1,200
शेष ऋण:
P₂ = P – SI₁ – भुगतान
P₂ = 12,000 – 1,200 – 4,000
P₂ = ₹6,800
अंतिम 2 साल के लिए:
- P = ₹6,800
- R = 10% = 10/100 = 0.1
- T = 2 साल
SI₂ = (P × R × T) / 100
SI₂ = (6,800 × 0.1 × 2) / 100
SI₂ = ₹1,360
शेष ऋण पर देय साधारण ब्याज:
SI = SI₂
SI = ₹1,360
5. ₹10,000 का 6% वार्षिक ब्याज दर पर 5 साल के लिए उधार लिया गया है। यदि 2 साल बाद ₹2,000 का भुगतान कर दिया जाता है, तो शेष ऋण पर देय साधारण ब्याज ज्ञात करें।
हल:
पहले 2 साल के लिए:
- P = ₹10,000
- R = 6% = 6/100 = 0.06
- T = 2 साल
SI₁ = (P × R × T) / 100
SI₁ = (10,000 × 0.06 × 2) / 100
SI₁ = ₹1,200
शेष ऋण:
P₂ = P – SI₁ – भुगतान
P₂ = 10,000 – 1,200 – 2,000
P₂ = ₹6,800
अंतिम 3 साल के लिए:
- P = ₹6,800
- R = 6% = 6/100 = 0.06
- T = 3 साल
SI₂ = (P × R × T) / 100
SI₂ = (6,800 × 0.06 × 3) / 100
SI₂ = ₹1,224
शेष ऋण पर देय साधारण ब्याज:
SI = SI₂
SI = ₹1,224
निष्कर्ष
आज किस लेख में हमने साधारण ब्याज की परिभाषा और उससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण अवधारणाओं को समझा। उम्मीद है कि इसलिए के माध्यम से आपको अलग-अलग साधारण ब्याज फॉर्मूला और साधारण ब्याज के सवाल के बारे में जानकारी मिल पाई होगी।